कंप्यूटर का परिचय, इतिहास, वर्गीकरण, जनरेशन, उपयोग

आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग बहुत अधिक बढ़ चुका है | ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमे कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं किया जाता | क्या आप जानते हैं कंप्यूटर क्या है? यह कैसे काम करता है?

कंप्यूटर एक प्रकार की मशीन है जो रॉ डाटा को प्रोसेस करती है और हमे एक आउटपुट के रूप में एक इनफार्मेशन प्रदान करती है | कंप्यूटर किसी भी गणना को बहुत ही आसानी से बहुत ही कम समय में कैलकुलेट कर सकती है |

Introduction, History, Generation, Classification of Computer in Hindi
Introduction, History, Generation, Classification of Computer

यह कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेर से मिल कर बनाई गयी है | कंप्यूटर पहले के समय में बहुत बड़े आकार के होते थे |

जैसे जैसे समय बीतता गया टेक्नोलॉजी बढती गयी और अब ये कंप्यूटर बहुत ही छोटे साइज़ में उपलब्ध है |

जिसका इस्तेमाल हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने में करते हैं |

लगभग 20वीं  शताब्दी से ही कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाने लगा था | लेकिन लगभग 80 के दशक में पर्सनल कंप्यूटर बहुत विकसित हो गये |

तो चलिए कंप्यूटर की सभी बेसिक जानकारी इस लेख के माध्यम से विस्तार में जानते हैं |

Table of Contents

कंप्यूटर का परिचय, इतिहास, वर्गीकरण, जनरेशन Introduction, History, Generation, Classification of Computer:

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device है जिसे सामान्य रूप से अंकगणित (arithmetic) या तार्किक (Logical) operation प्रचालन करने के लिए (automatically) स्वचालित रूप से संचालन का एक सेट (a set of operations) प्रोग्राम किया जा सकता है।

इसलिए, कंप्यूटर एक उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसमें उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए इनपुट रॉ डेटा (input raw data) को लिया जाता है और उसे प्रोसेस किया जाता है।

और फिर उसे प्रोसेसिंग के बाद यह डेटा को सूचनात्मक डेटा के रूप में आउटपुट करता है।

यह अंकगणितीय और तार्किक गणनाओं (arithmetic and logical calculations) को भी संसाधित (process) करता है।

आइये अब कंप्यूटर क्या है? इसकी परिभाषा, कंप्यूटर का इतिहास, इसके प्रकार, और इसके जनरेशन (पीढ़ी) के बारे में समझते और पढ़ते हैं |

what is Computer? कंप्यूटर क्या है? :

what is Computer? कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो User से डेटा एसेप्ट (Accept) करता है, उस पर गणना (calculation) और संचालन (operation) करके डेटा को प्रोसेस करता है और परिणाम के रूप में वांछित (desired) आउटपुट उत्पन्न करता है।

जो निर्देशों (instructions) की एक सूची के अनुसार डेटा में कुशलता से काम करता है जिसे प्रोग्राम कहा जाता है।

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द कंप्यूटरे से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना। कंप्यूटर का पुराना हिंदी नाम गणक है |

वैसे तो कंप्यूटर शब्द का प्रयोग 17वीं शताब्दी की शुरुआत से किया जा रहा है, जब यह गणना करने वाले व्यक्ति या गणना मशीन (calculating machine) को संचालित करने वाले व्यक्ति को संदर्भित (refers to) करता है।

यह शब्द 19वीं शताब्दी और 20वीं शताब्दी तक इन श्रमिकों को संदर्भित (refer) करता रहा जब तक कि इसे बाद में “एक मशीन जो स्वचालित रूप से गणना (automatically calculate) करता है” के रूप में लागू किया गया था।

पहला कंप्यूटर 1940 के दशक में ब्रिटिश गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा आविष्कार किया गया था।

इन कंप्यूटर को ब्रिटिश सेना के लिए आर्टिलरी टेबल की गणना करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

computer शब्द compute शब्द से उत्पन्न हुआ है | इस compute शब्द का अर्थ होता है “गणना करना”

कंप्यूटर 1937-38 से अस्तित्व में हैं जब इनका Invention ब्रिटिश (mathematician) एलन ट्यूरिंग ने किया था।।

चार्ल्स बैबेज ही कंप्यूटर के फादर (computer ka janak)  कहे जाते हैं।

एलन ट्यूरिंग को मॉडर्न कंप्यूटर का फादर (father of modern computer) बताया जाता है।

History of Development of Computer कंप्यूटर के विकास का इतिहास :

कोई भी कंप्यूटर एक दिन की रचना नहीं है, बल्कि आधुनिक कंप्यूटर के विकास में एक लंबा समय लगा है।

1)अबेकस Abacus:

इसका आविष्कारक 16वीं शताब्दी में चीन में किया गया था |

विशेषताएं – पहला यांत्रिक गणना उपकरण

उपयोग – जोड़ और घटाव ऑपरेशन के लिए उपयोग किया जाता है

2)नेपियर बोंस Napier’s Bones:

इसका आविष्कारक 1617 ई. में जॉन नेपियर (john Napier) ने किया था |

विशेषताएं – ये केवल 0 से 9 तक की संख्या धारण करने वाले थे |

उपयोग – संख्याओं का गुणा करना।

3)पास्कलाइन Pascaline:

इसका आविष्कारक 1642 ई. में ब्लेज़ पास्कल (Blaise Pascal) ने किया था |

विशेषताएं – पहली यांत्रिक जोड़ने वाली मशीन

उपयोग – दो संख्याओं को जोड़ने और घटाने में किया जाता था |

4)बुनाई पैटर्न के लिए छेद का कार्ड Card of Holes for weaving pattern:

इसका आविष्कारक 1801 ई. में जोसेफ जैक्वार्ड (Joseph jacquard) ने किया था |

विशेषताएं – यह एक पहला यांत्रिक करघा था |

उपयोग – जो मुख्य रूप से एक रेशम आधारित पैटर्न की बुनाई को आसान बनाता था।

5)विश्लेषणात्मक इंजन Analytical Engine:

इसका आविष्कारक – चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने 1834-1871 ई. में किया था |

विशेषताएं – यह पहला सामान्य प्रयोजन कंप्यूटर था

उपयोग – आम तौर पर बुनियादी अंकगणितीय कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

यह एक दशमलव मशीन थी जो किसी संख्या के प्रतिनिधित्व के लिए चिन्ह और परिमाण का उपयोग करती थी।

6)टेबुलेटिंग मशीन Tabulating Machine:

इसका आविष्कारक हरमन होलेरिथ (Herman Hollerith’s ) ने 1880 ई. में की |

विशेषताएँ – इसमें गोल छेद वाले पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था। एक बार में एक कार्ड पढ़ा जाता था |

Tabulating Machine का उपयोग –  यह पहली इलेक्ट्रोमैकेनिकल मशीन थी,

जिसे 1890 में जनगणना के लिए डेटा को प्रोसेस करने के लिए डिजाइन किया गया था।

7)मार्क- I MARK- I :

इसका आविष्कारक 1944 ई. में हॉवर्ड ऐकेन (Howard Aiken ) ने किया था |

विशेषताएं – इसमें डेटा मैन्युअल रूप से दर्ज किया जा सकता था |

उपयोग – मुख्य रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युद्ध के प्रयास में उपयोग किया जाता था |

8)एनियाक ENIAC:

ENIAC का फुल फॉर्म Electronic Numerical Integrator and Computer है |

इसका आविष्कारक जेपी एकर्ट और जेडब्ल्यू मौचली (JP Eckert and JW Mauchly) ने 1950 ई. में किया था |

विशेषताएं –  यह एक पहला साधारण उद्देश्य वाला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था |

यह एक ऐसा पूर्ण ट्यूरिंग वाला डिजिटल कंप्यूटर था  जिसे संगणना की सम्पूर्ण समस्याओं के समाधान के लिए पुनः प्रोग्रमित किया जा सकता था |

ENIAC का उपयोग  पहली बार हाइड्रोजन बम की गणना के लिए किया गया था |

9)ईडीएसएसी EDSAC:

EDSAC का फुल फॉर्म Electronic Delay Storage Automatic Calculator है |

इसका आविष्कारक जॉन वॉन न्यूमैन (John Von Neumann) ने 1946-52 ई. में किया |

यह एक पहला पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक नुमेरिकल इंटीग्रेटेड कंप्यूटर था  |

इसकी विशेषताएँ ये हैं कि यह पहला कंप्यूटर था जो स्टोरेज क्षमता प्रदान करता था।

EDSAC का उपयोग गणितीय प्रयोगशाला में में किया जाता है |

मुश्किल समीकरणों को हल करने में भी इसका उपयोग किया जाता था |

10)यूनीवैक UNIVAC:

UNIVAC का विस्तृत नाम Universal Automatic Computer है |

इसका आविष्कारक एकर्ट और जेडब्ल्यू मौचली (Eckert and JW Mauchly) ने 1951 ई. में किया था |

यह भी पहला जनरेशन का कंप्यूटर था |

इसकी विशेषताएं ये है कि यह पहला सामान्य व्यावसायिक प्रयोजन का इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था ,

जिसमें बड़ी मात्रा में इनपुट और आउटपुट होता था | UNIVAC को 1951 ई. में अमेरिकी जनगणना ब्यूरो (Census Bureau) को दिया गया था |

इस UNIVAC उपयोग इनपुट और आउटपुट के रूप में प्रयुक्त चुंबकीय टेपके रूप में, बिक्री रिकॉर्ड, कंपनी पेरोल और अन्य कंपिनयों के बिज़नेस की गणना करना था |

11)आईबीएम-650 कंप्यूटर IBM – 650 computer :

IBM  का फुल फॉर्म International Business Machine है | इसके आविष्कारक आईबीएम कंपनी है |

आईबीएम कंपनी ने 1954 ई. में  IBM – 650 computer का अविष्कार किया था |

यह प्रथम जनरेशन का computer था | 1950 के दशक में यह कंप्यूटर सबसे लोकप्रिय कंप्यूटर बन गया था |

इसकी विशेषताएं है कि यह अल्फाबेटिकल अक्षर और स्पेशल अक्षर को दो-अंकीय दशमलव कोड में परिवर्तित करने वाली इनपुट/आउटपुट इकाइयां प्रदान करता था |

इसका उपयोग व्यापर, वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग उद्देश्यों को पूरा करने में किया जाता था |

कंप्यूटर के मुख्य घटक क्या हैं? What are the main components of computer? :

वैसे तो कंप्यूटर में तीन मुख्य घटक होते हैं |

1)इनपुट, 2)प्रोसेसिंग 3) आउटपुट।

  • इनपुट आमतौर पर एक कीबोर्ड और माउस के द्वारा किया जाता है |
  • प्रसंस्करण घटक (processing component) आमतौर पर माइक्रोप्रोसेसर या सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) के रूप में होता है।
  • आउटपुट सामान्य रूप से डिस्प्ले स्क्रीन (display screen) पर होता है, जैसे मॉनिटर या टेलीविजन।

इनपुट Input (Data) : 

  • Input वो step है जिसमे किसी भी रॉ डाटा या Raw Information को किसी Input Device की सहायता से कंप्यूटर में डाला जाता है।
  • ये कोई letter, text, पिक्चर या कोई विडियो भी हो सकता है।

प्रोसेस Process : 

  • प्रक्रिया के दौरान इनपुट डेटा को निर्देश के अनुसार संसाधित किया जाता है।
  • ये पूरी तरह से Internal प्रोसेस होता है।

आउटपुट Output: 

  • Output के दौरान जो data पहले से process हो चुकी हैं उसको Result के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
  • और यदि हम चाहें तो इस result को भविष्य के काम में इस्तेमाल होने के लिए save कर के Memory में रख भी सकते हैं |

कंप्यूटर के मुख्य पार्ट Main parts of computer :

  • किसी भी कंप्यूटर अन्दर छोटे छोटे कई components होते है, वो बहुत ही ज्यादा जटिल दिखते हैं, पर वो वास्तव में उतने complicated नहीं होते।
  • आइये जानते हैं कंप्यूटर के सभी कॉम्पोनेन्ट के बारे में |

Motherboard मदरबोर्ड :

  • किसी भी कंप्यूटर का मुख्य circuit board होता है जिसको Motherboard कहा जाता है।
  • ये एक पतली प्लेट की तरह दिखाई देता है लेकिन इस पर बहुत सी महत्वपूर्ण चीजें उपस्थित होती हैं |
  • Motherboard कंप्यूटर के सारे पार्ट्स के साथ सीधे या सीधे तौर पर जुड़ा हुआ होता है।
  • इसके साथ साथ कंप्यूटर के सभी Ports को connect करने में मदद करता है |
  • जैसे –  Connectors hard drive और Optical Drive के लिए CPU, Memory तथा Video और Audio को control करने के लिए expansion card ,।

CPU :

  • कंप्यूटर के अन्दर एक CPU होता है | CPU का फुल फॉर्म Central Processing Unit है|
  • यह कंप्यूटर केस के अंदर मदरबोर्ड में पाया जाता है। इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है.
  • यह कंप्यूटर के अंदर चलने वाली सभी एक्टिविटी पर नज़र रखता है।

Processor :

  • यह किसी भी कंप्यूटर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है |
  • ये कंप्यूटर के अन्दर हो रही सभी प्रकार की गतिविधियों की खबर रखता है |
  • यह एक ही समय में अरबो खरबों (billions of trillions) कैलकुलेशन को सेकंड में प्रोसेस कर सकता है |
  • प्रोसेसर की स्पीड जितनी ज्यादा होगी वह उतनी ही तेजी से प्रोसेसिंग कर पाएगा।

RAM :

  • रैम RAM का फुल फॉर्म  Random Access Memory है।
  • यह कंप्यूटर सिस्टम का Short Term Memory होता है।
  • जब भी कंप्यूटर कोई गणना करता है, तो वह उस परिणाम को अस्थायी रूप से RAM में सहेज लेता है।
  • अगर कंप्यूटर किसी भी कारण से बंद हो जाये तो ये डाटा भी खो जाता है। या नष्ट हो जाता है |
  • यदि हम कोई document लिख रहे हों तो उसे नष्ट होने से बचने के लिए हमें बीच-बीच में अपने डाटा को save करते रहना चाहिए।
  • सेव करने से अगर डेटा हार्ड ड्राइव में सेव हो जाए तो वह लंबे समय तक रह सकता है।
  • रैम को मेगाबाइट्स (MB) या गीगाबाइट्स (GB) में मापा जाता है। जितनी ज्यादा RAM, हमारे लिए उतना ही अच्छा.

Hard Drive :

  • हार्ड ड्राइव वो component होते हैं  जहाँ पर सॉफ़्टवेयर, documents और दुसरे कई file को save किया जाता है।
  • इसमें data लम्बे समय तक store होता रहता है।

Power Supply Unit :

  • Power supply unit का काम होता है कि Main Power Supply से पॉवर लेकर उसे जरुरत के अनुसार दुसरे components में Supply करना।

Expansion Card :

  • सभी कंप्यूटरों में एक्सपेंशन स्लॉट (slot) होते हैं ताकि हम future में एक एक्सपेंशन card जोड़ सकें।
  • इन्हें PCI (पेरिफेरल कंपोनेंट्स इंटरकनेक्ट) कार्ड भी कहा जाता है।
  • परन्तु आजकल मदरबोर्ड में पहले से ही कई स्लॉट बिल्ट-इन होते हैं।
  • कुछ एक्सपेंशन कार्ड के नाम जिनका उपयोग हम पुराने कंप्यूटर को अपडेट करने के लिए कर सकते हैं।
  1. Video Card
  2. Sound card
  3. Network Card
  4. Bluetooth Card (Adapter)

कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर computer hardware and computer software :

  • कोई भी कंप्यूटर मुख्यतः हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से ही बने होते हैं |
  • हार्डवेयर का अर्थ है कि कंप्यूटर की बॉडी, उसका बाहरी भीतरी संरचना |
  • और सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर की आत्मा कहा गया है |
  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दोनों ही एक-दुसरे के पूरक हैं | दोनों में से किसी भी एक की भी कमी से कंप्यूटर कोई काम नही कर सकता |
  • कंप्यूटर हार्डवेयर को हम कंप्यूटर की Physical Device कह सकते हैं जिसे हम अपने कंप्यूटर में इस्तमाल करते हैं |
  • जबकि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का मतलब है codes का collection जिसे हम अपने Machine के Hard Drive में install करते हैं hardware को चलने के लिए।
  • उदहारण :  कंप्यूटर मॉनिटर जो स्क्रीन डिस्प्ले होता है |
  • Mouse जिसे हम Navigate करने में इस्तेमाल करते हैं ये सभी कंप्यूटर हार्डवेयर हैं।
  • जबकि Internet Browser जिसकी मदद से हम website visit करते हैं,
  • Operating System जिसमे Internet Browser run होता है। ये सभी  कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होते हैं।
  • एक कंप्यूटर में  हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की सामान भूमिकाएं हैं ये दोनों एक दुसरे की मदद से ही कोई काम कर सकते हैं।

Classification of Computers कंप्यूटर का वर्गीकरण :

कंप्यूटर मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं।

1) साइज़ के आधार पर Based on size

  • माइक्रो-कंप्यूटर (micro computer)
  • मेनफ़्रेम-कंप्यूटर (mainframe computer)
  • मिनी-कंप्यूटर (minicomputer)
  • सुपर-कंप्यूटर (supercomputer)

2) प्रणाली के कार्य के आधार पर Based on function of the system

  • एना-लॉग कंप्यूटर (analog computer)
  • डिजि-टल कम्प्यूटर (digital computer)
  • हाइ-ब्रिड कंप्यूटर (hybrid computer)

 

साइज़ के आधार पर कंप्यूटर का प्रकार:

आकार के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण निम्नलिखित हैं।

Micro computer माइक्रो कंप्यूटर :

  • माइक्रो कंप्यूटर सबसे कम शक्तिशाली होते हैं,
  • फिर भी सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले और सबसे तेजी से बढ़ने वाले कंप्यूटर हैं और इन्हें पोर्टेबल कंप्यूटर भी कहा जाता है।
  • माइक्रो कंप्यूटर में भौतिक उपकरणों की तीन बुनियादी श्रेणियां होती हैं, जैसे सिस्टम यूनिट, इनपुट/आउटपुट और मेमोरी।

कुछ प्रकार के माइक्रो कंप्यूटर निम्नलिखित हैं

1) डेस्कटॉप कंप्यूटर या पर्सनल कंप्यूटर (Desktop computer or personal computer)

2) हैंडहेल्ड कंप्यूटर या पामटॉप्स (Handheld Computers or Palmtops)

3) स्मार्ट फोन (Smart phone)

4) नोटबुक (Notebook)

5) टेबल कंप्यूटर (Table Computer)

Mainframe computer मेनफ़्रेम कंप्यूटर :

  • मेनफ्रेम कंप्यूटर वे होते हैं जिनमें बड़ी आंतरिक मेमोरी स्टोरेज और सॉफ्टवेयर की व्यापक रेंज होती है।
  • ये  मेनफ्रेम कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की व्यापक रेंज के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।
निष्कर्ष :

उम्मीद करते हैं कि आपको यह एजुकेशनल ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा | आप इस जानकारी का पूरा से पूरा फायदा उठाये | आप अपने दोस्तों  के साथ जरुर शेयर करे | यह पोस्ट “कंप्यूटर का परिचय, इतिहास, वर्गीकरण, जनरेशन, उपयोग” के बारे में था | आप अपने विचार या सुझाव कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं | और हमारे साथ जुड़े रहें |

हैप्पी और healthy रहें |

आपका दिन शुभ हो | धन्यवाद |