पदार्थ किसे कहते हैं?,परिभाषा, वर्गीकरण, प्रकृति, अवस्था, उदाहरण

क्या आप जानते हैं की दुनियां में कितने तरह के पदार्थ मौजूद हैं | ये सभी अणु परमाणु से मिल कर बने हैं | ये सब हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | शुरुआत में हम भारतीयों और यूनानियों को लगता था की दुनिया में मौजूद सभी चीजें पांच तत्वों से मिल कर बनी है | और ये पांच तत्व धरती, जल, अग्नि, आकाश, हवा हैं |

पदार्थ किसे कहते हैं?,परिभाषा, वर्गीकरण, प्रकृति, पदार्थ की अवस्था, उदहारण

भारत के कई महान ऋषियों द्वारा अनुमान लगाया गया कि कोई ही पदार्थ अत्यंत ही सूक्षम कणों से मिल कर बने हुए हैं | और वे सूक्ष्म कण परमाणु होते हैं |

संसार में अनेक प्रकार के वस्तुएं है जो स्थान घेरते हैं | उनमें घनत्व होता है | ये ठोस द्रव गैस और प्लाज्मा के रूप में पाए जाते हैं | विज्ञान के रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की शाखा में पदार्थ को कई तरह से परिभाषित किया जा सकता है |

ऐसी कोई भी वस्तु जिसमे निश्चित भार हो, घनत्व हो तथा जो स्थान घेरती हो | वे सभी पदार्थ होते हैं | ये सभी पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बने हैं | और ये सभी कण परमाणुओं से मिल कर बने होते हैं |

आइये इस लेख के मध्यम से जानें की पदार्थ क्या है ? पदार्थो का वर्गीकरण, प्रकार, उदहारण  के बारे में |

Table of Contents

पदार्थ क्या है? पदार्थ से आप क्या समझते हैं? What is matter? What do you understand by substance in Hindi:

संसार में मौजूद वो सभी वस्तुयें जो स्थान घेरती है, जिसका द्रव्यमान होता है तथा जो अपनी संरचना में परिवर्तन का विरोध करती है | उन्हें पदार्थ कहते हैं |

जैसे – लकड़ी, लोहा, जल, वायु, नमक, तेल चीनी , आदि |

पदार्थ पदार्थ ठोस, द्रव, गैस अवस्था में पाए जाते हैं |

हमारे आस पास मौजूद सभी चीज़े पदार्थ हैं | ये सभी पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बने हैं | और ये सभी कण परमाणुओं से मिल कर बने होते हैं |

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वस्तुओं को पदार्थ होने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं? What are the necessary conditions for objects to be substances? :

किसी भी वस्तु के पदार्थ होने की कुछ आवश्यक शर्तें हैं | ये निम्नलिखित हैं |

1)वे सभी वस्तुएं जिसका निश्चित द्रव्यमान होता है |

2)वे वस्तुएं जो स्थान घेरती है |

3)ये अपनी संरचना में किये जाने वाले परिवर्तन का विरोध करती है |

पदार्थ की प्रकृति क्या है? What is the nature of matter? :

दुनिया में मौजूद कोई भी पदार्थ अत्यंत छोटे छोटे कणों से मिल कर बना हुआ है |

ये  छोटे छोटे सूक्ष्म कण अणु और परमाणुओं से मिल कर बने हुए हैं |

इन कणों के गुण और प्रकृति पदार्थों को एकदूसरे से अलग करती है |

पदार्थ के कण के गुण एवं प्रकृति Properties and Nature of Particles of Matter:

पदार्थों के गुण और प्रकृति निम्नलिखित हैं |

1)पदार्थ के कण अत्यंत सूक्ष्म और छोटे होते हैं |

2)पदार्थों के प्रकृति के अनुसार उसके कणों के बीच रिक्त या खाली स्थान मौजूद होता है |

3)पदार्थों के कण निरंतर गति करते रहते हैं |

4)पदार्थो के कण आपस में एक दूसरे को आकर्षित करते रहते हैं |

पदार्थों का वर्गीकरण Classification of substances:

पदार्थ का वर्गीकरण दो प्रकार से किया गया है |

1)भौतिक वर्गीकरण 2)रासायनिक वर्गीकरण |

भौतिक वर्गीकरण में पदार्थ के प्रकार Types of matter in physical classification:

पदार्थों का भौतिक वर्गीकरण मुख्यतः तीन भागो में किया गया है |

1)ठोस (solid)

2)द्रव (Liquid)

3)गैस (Gas)

पदार्थों के दो प्रकार और ज्ञात कर लिया गया है | ये निम्नलिखित हैं |

4)प्लाज्मा (Plasma)

5)बोस आइंस्टीन कन्डनसेट (Bose Einstein Condensate)

रासायनिक वर्गीकरण में पदार्थ के प्रकार (Types of substances in chemical classification) :

पदार्थों का रासायनिक वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया है |

1)शुद्ध पदार्थ (Pure substance)

2)मिश्रण (Mixture)

शुद्ध पदार्थ के प्रकार (Type of pure substance):

किसी भी पदार्थो के शुद्धता के आधार पर इन्हें दो भागो में बांटा गया है |

1)तत्व (Element)

2)यौगिक (Compound)

तत्व के प्रकार (Type of element) :

किसी भी पदार्थों को भी दो भागो में विभाजित किया गया है |

1)धात्विक तत्व (Metallic elements)

2)अधात्विक तत्व (Non-metallic elements)

यौगिक के प्रकार (Type of compound):

पदार्थ यौगिक के रूप में भी मौजूद होते हैं | इन्हें भी दो भागो में बाँटा गया है |

1)कार्बनिक यौगिक (Organic Compound)

2)अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compound)

मिश्रण के प्रकार (type of mixture) :

पदार्थ मिश्रण के रूप में भी मौजूद होते हैं | इनको भी दो भागो में बाँटा गया है |

1)सामंग मिश्रण (Samang Mixture)

2)विषमांग मिश्रण (Heterogeneous mixture)

पदार्थो के प्रकार की परिभाषा:

आइये जानें सभी पदार्थों के प्रकार के बारे में |

ठोस क्या है? What is solid?:

किसी भी पदार्थ की वह भौतिक अवस्था, जिसमें वस्तु का आकार एवं आयतन दोनों निश्चित होता है , ठोस कहलाता है |

जैसे – लोहे की छड, लकड़ी की कुर्सी, बर्फ का टुकड़ा आदि |

ठोस पदार्थों के गुण Properties of solids:

ये गुण निम्नलिखित हैं |

  • किसी भी ठोस पदार्थों के कणों के बीच अन्तराण्विक बल अधिक मजबूत होता है |
  • ठोस कणों के बीच रिक्त स्थान नगण्य होता है |
  • किसी भी मौजूद ठोस पदार्थ का आकार, आयतन और घनत्व निश्चित होता है |
  • ठोस पदार्थ की संपीडयता बहुत कम होती है।
  • किसी भी ठोस पदार्थो का विसरण नगण्य होता है।

द्रव क्या है? What is Liquid? :

पदार्थ की वह भौतिक अवस्था , जिसमे वस्तु का आकार और आयतन निश्चित नहीं होता है , द्रव कहलाते हैं |

जैसे- अल्कोहल, पानी, तारपीन का तेल, मिटटी तेल आदि |

द्रव पदार्थों के गुण Properties of liquids:

ये गुण निम्नलिखित है |

  • किसी भी द्रव पदार्थ के कणों के बीच अन्तराण्विक बल ठोस की तुलना काफी में कम होता है।
  • द्रव के कणों के बीच रिक्त स्थान ठोस की तुलना में अधिक होता है |
  • किसी भी द्रव के कण गतिशील होते हैं |
  • द्रव का आकार निश्चित नही होता लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है |
  • किसी भी द्रव की संपीडयता कम या मध्यम होता है |
  • द्रव का विसरण भी मध्यम होता है।

गैस क्या है? What is gas?:

पदार्थ की वह भौतिक अवस्था, जिसमे वस्तु का आकार एवं आयतन दोनों अनिश्चित होता है, गैस कहलाता है |

जैसे – हवा, ऑक्सीजन आदि |

गैस पदार्थों के गुण Properties of gases:

ये गुण निम्नलिखित हैं |

  • किसी भी गैस पदार्थ के कणों के बीच अन्तराण्विक बल बहुत कम होता है।
  • गैस के कणों के बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होता है | इसमें कण एक दूसरे से बहुत दूर दूर होते है।
  • गैसों के कण बहुत अधिक गतिमान होते है।
  • गैस का आकार व आयतन निश्चित नहीं होता है।
  • गैसों की संपीडयता अधिक होती है।
  • गैस में विसरण अधिकतम होता है।

नोट:-

किसी भी गैसों का कोई पृष्ठ नहीं होता है ये कण स्वतंत्र अवस्था में गति करते रहते हैं |

इसका विसरण बहुत अधिक होता है तथा इसे आसानी से संपीडित किया जा सकता है |

ताप एवं दाब में परिवर्तन करके किसी भी पदार्थ की अवस्था को बदला जा सकता है |

परन्तु इसके अपवाद भी हैं | जैसे – लकड़ी, पत्थर, ये केवल ठोस अवस्था में ही रहते हैं |

जल तीनों भौतिक अवस्था में रह सकता है |

पदार्थ की तीनों भौतिक अवस्थाओं में निम्न रूप से साम्य होता है | ठोस, द्रव, गैस | उदहारण – जल |

कुछ पदार्थ गर्म करने पर सीधे ठोस रूप से गैस बन जाते हैं | इसे उधार्व्पातन कहते हैं | जैसे – आयोडीन, कपूर आदि |

पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा एवं पांचवी अवस्था बोस-आइन्स्टीन कडनसेट है |

तत्व (Element) :

कोई भी तत्व वह शुद्ध पदार्थ होता है |

जिसे किसी भी ज्ञात भौतिक एवं रासायनिक विधियों से न तो दो या दो से अधिक पदार्थों में विभाजित किया जा सकता है, और न ही अन्य सरल पदार्थो के योग से बनाया जा सकता है | उसे तत्व कहते हैं |

जैसे – सोना, चाँदी, ऑक्सीजन आदि |

यौगिक (Compound) :

पदार्थ का वह शुद्धतम रूप जो रासायनिक रूप से दो या दो से अधिक तत्वों के एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग से बने हैं, यौगिक कहलाते हैं |

यौगिक के गुण उनके अवयवी तत्वों के गुणों से भिन्न होता है |

जैसे – जल |

जल ऑक्सीजन जलने में सहायक होता है | और हाइड्रोजन खुद जलता है लेकिन इन दोनों का यौगिक जल आग को बुझा देने में सक्ष्म है |

मिश्रण (Mixture):

वह पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्वों या यौगिकों के किसी भी अनुपात में मिलाने से प्राप्त होता है, वह मिश्रण कहलाता है |

इसे सरल यांत्रिक विधि द्वारा पुनः प्रारंभिक अवयवों में प्राप्त किया जा सकता है |

जैसे – हवा |

समांग मिश्रण  (Homogenous mixture):

किसी पदार्थ के तत्वों और यौगिकों के निश्चित अनुपात में इन अवयवों को मिलाने से समांग मिश्रण का निर्माण होता है |

समांग मिश्रण में इसके प्रत्येक भाग के गुणधर्म एक सामान होते हैं |

जैसे – चीनी या नमक का जलीय विलयन, हवा आदि |

विषमांग मिश्रण (Heterogeneous mixture) :

किसी पदार्थ के तत्वों या यौगिकों के अनिश्चित अनुपात में इन अवयवों को मिलाने से विषमांग मिश्रण का निर्माण होता है |

विषमांग मिश्रण में इसके प्रत्येक भाग के गुण एवं उनके संघटक भिन्न भिन्न होते हैं |

जैसे – बारूद, कुहासा आदि |

मिश्रण को अलग करने की कुछ प्रमुख विधियाँ Some methods of separating mixtures:

किसी भी मिश्रण में कई तरह की अशुद्धियाँ होती हैं जिन्हें शुद्ध रूप में प्राप्त करने के लिए कई रासायनिक विधियाँ होती हैं |

ये विधियाँ निम्नलिखित हैं |

रवाकरण विधि Decantation method:

इस विधि के द्वारा अकार्बनिक, ठोस मिश्रण को अलग किया जाता है |

ये इस विधि में अशुद्ध ठोस मिश्रण को उचित विलायक को साथ मिलाकर गर्म किया जाता है |

तथा अवस्था में ही कीप द्वारा छान लिया जाता है | छानने के बाद विलियन को कम ताप पर धीरे धीरे ठंडा किया जाता है |

ठंडा होने पर शुद्ध पदार्थ क्रिस्टल के रूप में विलयन से पृथक्क हो जाता है |

जैसे – शर्करा और नमक के मिश्रण को इथाइल अल्कोहल में 348 K ताप पर गर्म कर इस विधि द्वारा अलग किया जाता हैं |

आसवन विधि Distillation method:

इस विधि को उपयोग में तब लाया जाता है जब दो द्रवों के क्वथनांकों में अंतर अधिक होता है तो उसके मिश्रण को आसवन विधि से पृथक करते हैं |

अर्थात यह द्रवों के मिश्रण को अलग करने की विधि है |

इसका प्रथम भाग वाष्पीकरण कहा जाता है | एवं दूसरा भाग संघनन कहलाता है |

ऊर्ध्वपातन  विधि Sublimation method:

इस उर्ध्वपातन विधि द्वारा ऐसे ठोस मिश्रण को अलग करते हैं जिसमे एक ठोस उर्ध्वपातित हो, दूसरा नहीं |

ये इस विधि से कपूर, नेपथलीन, अमोनियम कलोराइड, एन्थ्रासिन आदि को अलग करते हैं |

आंशिक आसवन विधि  Fractional distillation method:

इस विधि से वैसे मिश्रित द्रवों को अलग करते हैं, जिनके क्वथनांक में अंतर बहुत कम होता है |

इसी विधि का उपयोग कर के खनिज तेल या कच्चे तेल में शुद्ध डीजल, पेट्रोल, मिटटी तेल कोलतार आदि को अलग किया जाता है |

वर्ण लेखन विधि Character writing method:

किसी मिश्रण के विभिन्न घटकों का अवशोषण क्षमता भिन्न भिन्न होती है तथा वे किसी अधिशोषक पदार्थ में विभिन्न दूरियों पर अवशोषित होते हैं |

यह वर्ण लेखन विधि का उपयोग इस तथ्य पर आधारित है |

इस प्रकार वे पृथक किये जाते हैं |

भाप आसवन विधि Steam distillation method:

इस भाप आसवन विधि से कार्बनिक मिश्रण को शुद्ध किया जाता है| जो जल में घुलनशील होते हैं | परन्तु भाप के साथ वाष्पशील होता है |

इसी विधि द्वारा विशेष रूप से उन पदार्थो का शुद्धिकरण किया जाता है | जो अपने क्वथनांक पर अअपघटित हो जाते हैं |

जैसे – एसीटोन, मैथिल अल्कोहल आदि |

पदार्थ की अवस्था परिवर्तन Change of state of matter:

आइये जाने किसी भी पदार्थ के अवस्था में क्या क्या परिवर्तन होते हैं |

द्रवणांक Melting point:

गर्म करने पर जब ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित होते हैं |

तो उनमे से अधिकांश में यह परिवर्तन एक विशेष दाब पर तथा एक नियत ताप पर होता है | यह नियत ताप वस्तु का द्रवणांक कहलाता है |

जब तक पदार्थ ठोस के आखिरी कण तक गलता रहता है | तब तक ताप स्थिर रहता है | यदि विशेष दाब नियत रहे |

हिमांक Freezing point:

किसी विशेष दाब पर वह नियत ताप जिस पर कोई द्रव जमता है | उसे उस द्रव का हिमांक कहते हैं |

सामन्यतः पदार्थ का द्रवणांक एवं हिमांक का मान बराबर होता है |

जैसे – बर्फ का द्रवणांक एवं हिमांक 0० C है |

अशुद्धियों की उपस्थिति में पदार्थ का हिमांक और द्रवणांक दोनों कम हो जाता है |

द्रवणांक पर दाब का प्रभाव Effect of pressure on melting point:

उन पदार्थों के द्रवणांक दाब बढ़ाने से बढ़ जाता है | जिनका आयतन गलने पर बढ़ जाता है | जैसे – मोम, तम्बा आदि |

उस पदार्थो के द्रवणांक दाब बढ़ने से घाट जाता है | जिनका आयतन गलने पर घाट जाता है | जैसे – बर्फ, ढलवां लोहा आदि |

गलने तथा जमने पर आयतन में परिवर्तन Change in volume on melting and solidifying:

क्रिस्टलीय पदार्थों में से अधिकाँश पदार्थ गलने पर आयतन में बढ़ जाते हैं, ऐसी दशा में ठोस अपने ही गले हुए द्रवों में डूब जाता है |

ढला हुआ लोहा, बर्फ, एन्टिमनी, बिस्मथ, पीतल आदि गलने पर आयतन में सिकुड़ते हैं |

अतः इस प्रकार के ठोस अपने ही गले द्रव में प्लवन करते रहते हैं |

इसी विशेष गुण के कारण बर्फ का टुकड़ा गले हुए पानी में प्लवन करता है |

सांचे में केवल वे पदार्थ ढाले जा सकते हैं | जो ठोस बनने पर आयतन में बढ़ते हैं क्योकि तभी वे सांचे के आकार को पूर्णतया प्राप्त कर सकते हैं |

मुद्रण धातु ऐसे पदार्थ  के बने होते हैं | जो जमने पर आयतन में बढ़ते हैं |

चाँदी या सोने की मुद्राएँ ढाली नहीं जा सकती, केवल मुहर या स्टाम्प लगाकर बनाई जाती है |

मिश्र धातुओं का द्रवानांक उन्हें बनाने वाले पदर्थो के गलनांक से कम होता है | क्योकि अशुद्धियाँ डाल देने पर पदार्थों के गलनांक घट जाता है |

हिमकारी मिश्रण :

किसी ठोस को उसके द्रवणांक पर गलने के लिए ऊष्मा की आवश्यकता होगी जो उसकी गुप्त ऊष्मा होगी |

यह ऊष्मा साधारणतः बाहर से मिलती है जैसे – जल में बर्फ का टुकड़ा मिलाने पर बर्फ गलेगी |

परन्तु गलने के लिए द्रवणांक पर वह जल से ऊष्मा लेगी जिससे जल का तापमान घटने लगेगा |

और मिश्रण का ताप घट जाएगा | हिमकारी मिश्रण का बनना इसी सिद्धांत पर आधारित है |

उदाहरण – घर पर आइसक्रीम ज़माने के लिए नमक का एक भाग एवं बर्फ का तीन भाग मिलाया जाता है |

इससे मिश्रण का ताप –22 डिग्री C प्राप्त होता है |

वाष्पीकरण Vaporization :

द्रव से वाष्प में परिणित होने की क्रिया वाष्पीकरण कहलाती है | यह दो प्रकार से होती है |

1)वाष्पन (Evaporation)

2)क्वथन (Boiling)

वाष्पन (Evaporation) :

क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्प में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं |

वाष्पीकरण या वाष्पन की क्रिया के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं?

(Necessary conditions for the action of evaporation or vaporization ):

वाष्पन की क्रिया निम्न बातो पर निर्भर करती है |

1)क्वथनांक का कम होना Lowering of boiling point:

क्वथनांक जितना कम होगा, वाष्पन की क्रिया उतनी ही अधिक तेजी से होगी |

2)द्रव का ताप Liquid temperature:

द्रव का ताप अधिक होने से वाष्पन अधिक होगा |

3)द्रव के खुले पृष्ठ का क्षेत्रफल Open surface area of liquid:

क्षेत्रफल अधिक होने पर वाष्पन तेजी से होगा |

4)द्रव के पृष्ठ पर On the surface of the liquid:

द्रव के पृष्ठ पर वायु बदलने वाष्पन तेज होगा |

किसी भी द्रव के पृष्ठ पर वायु का दाब जितना ही कम होगा वाष्पन उतनी ही तेजी से होगा |

द्रव के पृष्ठ पर वाष्प दाब जितना बढ़ता जायेगा वाष्पन की दर उतनी ही घटती जाएगी |

क्वथनांक Boiling :

दाब के किसी दिए हुए नियत मान के लिए वह नियत ताप जिस पर कोई द्रव उबलकर द्रव अवस्था से वाष्प की अवस्था में परिवर्तित हो जाये तो वह नियत ताप द्रव का क्वथनांक कहलाता है |

दाब बढाने से द्रव का क्वथनांक बढ़ जाता है | और दाब घटने से द्रव का क्वथनांक घाट जाता है |

निष्कर्ष:

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