मिश्रधातु किसे कहते हैं, गुण, विशेषता, उदाहरण, विस्तृत जानकारी

हम अपने आस-पास के वातावरण में और अपने डेली लाइफ में अनेक प्रकार के धातु अधातु के अलग अलग रूपों को देखते और उपयोग करते हैं | हम प्रतिदिन जिन धातुओं के संपर्क में आते हैं उनमें से 90% धातुएँ मिश्रधातुएँ हैं।

मिश्रधातु किसे कहते हैं, गुण, विशेषता, उदाहरण, विस्तृत जानकारी

मिश्र धातुएँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उनमें घटक तत्वों (जिन तत्वों से वे बने हैं) की तुलना में बेहतर गुण होते हैं। जब किसी धातु को किसी अन्य धातु के साथ मिलाकर मिश्रधातु बनाई जाती है, तो उस धातु के मूल गुण बदल जाते हैं।

आप इस लेख में मिश्रधातु के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे |

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मिश्रधातु क्या है ? परिभाषा What is an Alloy :

यह भी एक प्रकार की धातु है जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों आदि में व्यापक रूप से किया जाता है।

मिश्र धातु एक ऐसा पदार्थ है जो मूल रूप से अन्य प्रकार की धातुओं या अधातुओं के साथ एक धातु का मिश्रण होता है।

यह तब बनता है जब दो तत्व एक साथ पिघलते हैं, जिनमें से एक धातु होना चाहिए।

ठंडा होने पर यह क्रिस्टलीकृत हो जाता है और एक ठोस घोल या अंतरधात्विक यौगिक में बदल जाता है।

मिश्र धातु दो या दो से अधिक अलग-अलग तत्वों का धातुकर्म रूप से मिश्रित एक ठोस मिश्रण है, जिनमें से कम से कम एक धातु है। तरल अवस्था में मिश्रधातुएँ सजातीय होती हैं और ठोस अवस्था में वे सजातीय या विषमांगी हो सकती हैं।

दो या दो से अधिक धातुओं (या एक या अधिक धातु और एक अधातु) के सजातीय मिश्रण को मिश्र धातु कहा जाता है। वे धातुएँ जो किसी धातु को किसी अन्य धातु या अधातु के साथ मिलाने पर बनती हैं, मिश्रधातु कहलाती हैं।

मिश्रधातु के गुण उन घटकों के गुणों से भिन्न होते हैं जिनसे मिश्रधातु बनाई जाती है।

उदाहरण : स्टेनलेस स्टील, पीतल, कांसा, गन मेटल, जर्मन सिल्वर आदि।

मिश्रधातुओं की विशेषता :

यह प्रक्रिया पदार्थ को अधिक आवश्यक गुण जैसे बढ़ी हुई कठोरता या कम गलनांक प्राप्त करने में सक्षम बनाने में मदद करती है। यह तब बनता है जब दो तत्व पिघलकर एक साथ मिल जाते हैं, जिनमें से एक धातु होना चाहिए

मिश्रधातु ठंडा होने पर यह क्रिस्टलीकृत हो जाता है और एक ठोस घोल या इंटरमेटेलिक यौगिक में बदल जाता है।

मिश्र धातु के घटकों को भौतिक तरीकों से अलग किया जा सकता है। एक मिश्रधातु प्रकृति में समरूप होती है और इसमें धात्विक विशेषताओं को बरकरार रखा जा सकता है, भले ही इसमें उपधातु हो या अधातु।

पीतल और कांस्य लोहा, तांबा और एल्यूमीनियम जैसी धातुओं के सजातीय मिश्रण हैं। इन्हें मिश्रधातु भी कहा जाता है।

इनका निर्माण धातुओं को पिघली अवस्था में मिलाकर किया जाता है।

वर्तमान समय में सबसे महत्वपूर्ण मिश्रधातु इस्पात है। स्टील में कई उपयोगी गुण पाए जाते हैं। जैसे- संक्षारण प्रतिरोध, लचीलापन और कठोरता आदि।

यदि मिश्रधातु का एक घटक पारा (Hg) है, तो मिश्रधातु को अमलगम कहा जाता है।

मिश्र धातुएँ और उनके गुण या विशेषताएँ:

  1. धातु की कठोरता बढ़ाती है |
  2. धातुओं को मजबूत और संक्षारण के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाता है |
  3. उनके गलनांक को कम करता है |
  4. वस्तुओं को स्थिर एवं अच्छे आकार के लिए |
  5. अनेक रंग के मिस्राधातु का निर्माण होता है |
  6. तन्य शक्ति आदि बढ़ाने के लिए

उदाहरण के लिए, तांबा एक उपयोगी धातु है, लेकिन नरम होने के कारण यह सिक्के और अन्य वस्तुएँ बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे कठोर एवं संक्षारण प्रतिरोधी बनाने के लिए इसमें टिन मिलाकर कांस्य नामक मिश्र धातु प्राप्त की जाती है।

इसी प्रकार, कच्चा लोहा बहुत सस्ता होता है लेकिन यह भंगुर होता है | इस कारण कच्चा लोहा का बहुत ही जल्दी जंग से भर जाता है | अतः लोहे को क्रोमियम जैसे अन्य धातुओं के साथ मिला कर मिश्रधातु बनाया जाता है | जो ठोस मजबूत और संक्षारण रोधी बनता है |

लोहे में कार्बन मिलाकर विभिन्न प्रकार के स्टील बनाए जाते हैं। स्टील की मजबूती और अन्य गुण उनमें मौजूद कार्बन की मात्रा पर निर्भर करते हैं।

मिश्रधातु के गुण :

मिश्रधातुओं में यांत्रिक के साथ-साथ भौतिक और रासायनिक दोनों गुण होते हैं।

  1. कुछ गुण हैं प्रतिक्रियाशीलता, विद्युत चालकता, तापीय चालकता, अच्छी तन्य शक्ति, विरूपण का प्रतिरोध, लचीलापन, आदि।
  2. मिश्रधातुएँ अक्सर कठोर, चमकदार, मजबूत और लचीली होती हैं, साथ ही गर्मी और बिजली की अच्छी संवाहक होती हैं।
  3. सोना चमकदार होता है और इसमें जंग नहीं लगता इसलिए यह आभूषण बनाने के लिए एक अच्छी धातु है।
  4. चांदी का रासायनिक प्रतीक Ag है, जो लैटिन शब्द अर्जेंटम (चांदी) से लिया गया है।
  5. जबकि एल्यूमीनियम पृथ्वी की पपड़ी में सबसे प्रचुर धातु है, लोहा पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे आम और सरल धातु है, क्योंकि यह पृथ्वी के कोर का इतना बड़ा हिस्सा है।
  6. तांबा बिजली का अच्छा संवाहक है और इसका उपयोग अक्सर बिजली/बिजली के तार बनाने के लिए किया जाता है।
  7. सिर्फ पारा (Mercury) ही अकेली ऐसी धातु है जो कमरे के तापमान पर तरल (liquid) होती है।
  8. एल्युमीनियम ऊष्मा का अच्छा संवाहक है और इसका उपयोग अक्सर खाना पकाने के बर्तन बनाने में किया जाता है

मिश्रधातुओं के संघटन और उपयोग, मिश्रधातु कितने होते हैं – Composition and uses of alloys, how many are alloys:

1)पीतल (Brass) :-

तांबा (Cu-70%), जिंक (Zn-30%)

पीतल के उपयोग (Uses of Brass) :- तार, मशीन के हिस्से, बर्तन बनाने में |

2)कांस्य (Bronze) :-

तांबा (Cu-80%), टिन (Sn-10%)।

उपयोग :- बर्तन, सिक्के, घंटियाँ, बर्तन और मूर्तियाँ आदि बनाने के लिए

3)सोल्डर (Solder) :-

टिन ((Sn-32%), लेड (Pb-68%)

उपयोग :- सोल्डरिंग में, सोल्डरिंग कार्य में |

4)गन-मेटल (Gun Metal) :-

कॉपर (Cu -88%), टिन (Sn-10%), जिंक (Zn -2%)

उपयोग :- हथियार, मशीन के पुर्जे, बंदूकें, बैरल, गियर और बियरिंग बनाने के लिए

5)डच-धातु (Dutch Metal) :-

तांबा (Cu -80%), जिंक (Zn – 20%)

उपयोग :- कृत्रिम आभूषण बनाने में

6)बेल-मेटल (Bell Metal) :-

कॉपर (Cu -80%), टिन (Sn -20%)

उपयोग :- घंटियाँ और मूर्तियाँ ढालने में और पुर्जे बनाने में किया जाता है

7)एल्युमीनियम कांस्य (Aluminum Bronze) :-

तांबा (Cu – 90%) एल्युमीनियम (Al – 10%)

उपयोग :- सिक्के, सस्ते आभूषण, बर्तन पेंट आदि बनाने में।

8)जर्मन-सिल्वर (German Silver) :-

कॉपर (Cu -60%), जिंक (Zn -20%), निकेल (Ni -20%)।

उपयोग :- बर्तन, मूर्तियाँ आदि बनाने के लिए

9)कॉन्स्टेंटन (Constantan) :-

कॉपर (Cu – 60%), निकल (Ni – 40%),

उपयोग :-  तार, विद्युत उपकरण (electrical equipmen) बनाने में उपयोग किया जाता है

10)स्टेनलेस-स्टील (Stainless Steel) :-

आयरन (Fe – 75%), क्रोमियम (Cr -15%) निकल (Ni -9.5%) कार्बन (C – .05%)

उपयोग :- बर्तन और सर्जिकल उपकरण बनाने के लिए

11)एलनिको-स्टील (Alnico Steel) :-

(स्टील -50%), एल्युमिनियम (Al- 20%), निकेल (Ni- 20%), कोबाल्ट (Co -10%)

उपयोग :- स्थायी चुम्बक बनाने में

12) मैगनलियम (Magnalium) :-

मैग्नीशियम (Mg -5%), एल्युमीनियम (Al – 95%)

उपयोग :- विमान और जहाज बनाने में, हवाई जहाज के फ्रेम बनाने में |

13) ड्यूरालुमिन (Duralumin) :-

एल्युमिनियम (Al-95%), तांबा (Cu-3%), मैग्नीशियम (Mg-2%)

उपयोग :- बर्तन, हवाई जहाज और उसके हिस्से बनाने के लिए

14) मोनेल-धातु (Monel Metal) :-

तांबा (Cu – 28%), निकल (Ni – 70%), लोहा (Fe – 2%)

उपयोग :- मूर्तियां बनाने के लिए, बेस कन्टेनर बनाने में |

15) डच-धातु (Dutch Metal) :-

तांबा (Cu -80%), जिंक (Zn -20%)

उपयोग :- कृत्रिम आभूषण बनाने में, मशीन के पुर्जे बनाने के लिए

16) निकेल-स्टील (Nickel Steel) :-

आयरन (Fe-95%), निकेल (Ni-5%)

उपयोग :- बिजली के तार और वाहनों के पुर्जे बनाने में,  ऑटोमोबाइल पार्ट्स आदि बनाने में |

17) मैंगनीज-स्टील (Manganese Steel) :-

आयरन (Fe 80-85%), मैंगनीज (Mn -14%)

उपयोग :- क्रशिंग और ग्राइंडिंग मशीनों में

18) क्रोमियम-स्टील (Chromium Steel) :-

क्रोमियम (Cr -2.4%, लोहा (Fe 90-95%), कार्बन C (1.5%)

उपयोग :- काटने के उपकरण, मशीन, गोलियां आदि बनाने में।

19) नाइक्रोम (Nichrome) :-

निकेल (Ni-58-62%), आयरन (Fe-22-25%), क्रोमियम (Cr-8-13%), कार्बन (C-0.2-1%), मैंगनीज (Mn), जिंक Zn, SiO2 (1-2%)।

उपयोग :- काटने के उपकरण, मशीन, टैबलेट आदि बनाने में

20)रोल्ड-गोल्ड (Rolled Gold) :-

रोल्ड गोल्ड (Rolled gold) भी एक मिश्र धातु है | मार्केट में मिलने वाले सस्ते आभूषण को बनाने में रोल्ड गोल्ड मिश्रधातु का उपयोग किया जाता है |

21)डेल्टा-धातु (Delta Metal) :-

डेल्टा धातु का उपयोग हवाई जहाज के ब्लेड बनाने में किया जाता है।

22)मुंज-धातु (Munj Metal) :-

मुंज धातु का उपयोग सिक्के बनाने में किया जाता है।

23)टाइपिंग-धातु (Typing Metal) :-
  • इसका उपयोग अधिकांश छपाई एवं छपाई उद्योगों में किया जाता है।

मिश्रधातु का निर्माण क्यों किया जाता है – Why are alloys made:

1)धातुओं की कठोरता को अधिक करने के लिए -To increase the hardness of metals-
  • जब लोहा धातु में एक निश्चित मात्रा में कार्बन मिलाते हैं तो मिश्रधातु स्टेनलेस स्टील का निर्माण होता है | जो सामान्य लोहे की अपेक्षा अधिक ठोस मजबूत और कठोर होता है |
  • साधारण तौर पर शुद्ध सोना एकदम मुलायम होता है | लेकिन जब सोना धातु में एक निश्चित मात्रा में तांबा या जिंक मिलाते हैं तो सोना का मिश्रधातु का निर्माण होता है | जो सामान्य सोना की तुलना में अधिक ठोस मजबूत और कठोर होता है |
  • और जब चाँदी धातु में एक निश्चित मात्रा में सीसा मिलाते हैं तो चाँदी के मिश्रधातु का निर्माण होता है | जो सामान्य चाँदी की अपेक्षा अधिक ठोस मजबूत और कठोर होता है |
  • जब एलुमिनियम धातु में एक निश्चित मात्रा में तांबा (Cu-3%), मैग्नीशियम (Mg-2%) मिलाते हैं तो मिश्रधातु ड्यूरेलियम का निर्माण होता है | जो सामान्य एलुमिनियम की अपेक्षा अधिक ठोस मजबूत और कठोर होता है |
2)धातुओं की क्षमता और शक्ति अधिक करने के लिए – To increase the capacity and strength of metals :
  • जब धातुओं में अन्य धातु-अधातु की एक निश्चित मात्रा मिलायी जाती है तो प्राप्त मिश्रधातु अत्यधिक कठोर होने के कारण शक्तिशाली भी होते हैं।
3)धातुओं में होने वाले संक्षारण रहित या रोकने के लिए- To prevent or prevent corrosion of metals :
  • सामान्य तौर पर शुद्ध धातु जैसे लोहे में अन्य धातु मिला कर मिश्रधातु का निर्माण करते हैं तो उनमे जंग नही लगता और धातुओं के संक्षारण को रोका जा सकता है |
  • जैसे – लोहे तथा जिंक को मिला कर जो मिश्रधातु बनता है वह स्टैनलेस स्टील मिश्रधातु होता है | इसमें लोहे की तुलना में जंग (Rust) नहीं लगता है |
4)धातुओं में ध्वनि का उत्पादन करने के लिए – to produce sound in metals :
  • बेल मेटल मिश्रधातु को तांबे और टिन को मिला कर बनाया जाता है | इनसे बने बेल मेटल, सामान्य तांबे धातु की अपेक्षा अत्यधिक ध्वनि का उत्पादन करता है।
5)धातुओं के गलनांक (M.P.) को कम करने के लिए (To lower the melting point of metals)-
  • कई मिश्रधातु जैसे कि रोज-मेटल (Rose-Metal) | यह रोज-मेटल भी एक ऐसा मिश्रधातु है जिसका गलनांक भी सामान्य धातु की तुलना में कम होता है।
  • यह बिस्मथ कलई (bismuth whiteness) भी एक मिश्रधातु है जिसे बनाने में बिस्मथ और सीसे का उपयोग करते हैं | और इससे बने मिश्रधातु का गलनांक भी बहुत कम हो जाता है।
6)धातुओं को उचित शेप या आकार प्रदान करने के लिए- To give proper shape or size to metals.
  • कांसा तथा टाइप मेटल (Brass and Type Metal) जो मिश्रधातु होते हैं जिन्हें सांचे में ढाला जा सकता है |
7)धातुओं के अलग अलग रंग प्राप्त करने के लिए – To obtain different colors of metals
  • तांबे तथा एलमिनियम से बनी मिश्र धातु का गोल्डन चमकीली रंग होती है।
8)धातुओं को मिश्रधातु में बदल कर कई प्रकार के घर की वस्तुओं के निर्माण के लिए- Metals are converted into alloys to make a variety of household items.
  • धातु में अन्य धातु मिला कर मिश्रधातु बनाते हैं |
  • मिश्रधातु का प्रयोग घरों (homes), कारखानों (factories), कार्यालयों (offices) हर जगह किया जाता है |
  • सभी मिश्रधातुओं को घर के बर्तन (household utensils) बनाने में, अलमारी (cupboards), पंखे (fans), फ्रिज (fridges) बनाने में और आभूषण (ornaments) आदि में मिश्रधातुओं का प्रयोग किया जाता है |

निष्कर्ष :

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