अधातुओं से संबंधित कई प्रश्न जैसे अधातु क्या हैं और उनके उपयोग क्या हैं, धातु और अधातु में क्या अंतर है, धातु रासायनिक रूप से कैसे प्रतिक्रिया करती हैं।
ऐसे ही और भी कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं अपना आर्टिकल |
अधातु क्या है? अधातु की परिभाषा :
वे तत्व जिनमें धात्विक गुण नहीं होते और भंगुर होते हैं, अधातु कहलाते हैं।
उदाहरण: ऑक्सीजन, सल्फर, क्लोरीन आदि।
आवर्त सारणी में कुल 118 तत्व हैं जिनमें से 91 तत्व धातु हैं और 27 तत्व अधातु हैं।
अधातुओं को विद्युत ऋणात्मक तत्व भी कहा जाता है।
अधातुओं के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं :-
कार्बन, ऑक्सीजन, फ्लोरीन, सल्फर, नाइट्रोजन, ब्रोमीन, आयोडीन, बोरोन आदि।
अधातु के भौतिक गुणधर्म Physical Properties of non-Metals:
अधातुओं के कुछ महत्वपूर्ण भौतिक गुण होते हैं | जो निम्नलिखित हैं |
1)भौतिक अवस्था Physical State-
- अधातु अक्सर सामान्य ताप और दाब पर ठोस, द्रव या गैस अवस्था में ही पाई जाती है |
- जैसे – फोस्फोरस ठोस अवस्था में, ब्रोमिन द्रव अवस्था में, ऑक्सीजन गैस अवस्था में |
2)रंग Colour-
- अधातुएं कई रंगों में पाए जाते हैं |
- जैसे – सल्फर पीला रंग में, फोस्फोरस लाल और सफ़ेद रंग में, क्लोरीन हरे रंग में |
3)रूप / चमक (Luster) –
- अधातुओं फीके रंग लिए हुए होती है |
- ये चमकीले नहीं होते | अपवाद – ग्रेफाइट और आयोडीन |
4)कठोरता (Hardness) –
- सभी अधातुएं भंगुर या भुरभुरे प्रकृति की होती है |
5)तन्यता क्षमता (Tensile strength)–
- किसी भी अधातुओं की तन्यता क्षमता नहीं होती है |
- अधातु बहुत अधिक दबाव देने पर यह आसानी से टूट जाती है |
6)अघातवर्धनीयता (Malleability) –
- अधातुओं में अघातवर्धनीयता जैसे के गुण मौजूद नहीं होते हैं |
- अधातुओं को हथौड़े से पीट कर पतली चादर नहीं बनाई जा सकती है |
7)लचीलापन (Ductility) –
- अधातु में लचीलापन भी नहीं होता है|
- इसी कारण अधातुओं की लम्बी तार बिलकुल नहीं बनाई जा सकती |
8)चालकता (Conductivity) –
- अधातु पूरी तरह से विद्युत् और ऊष्मा के कुचालक होते हैं |
- लेकिन अधातु ग्रेफाइट विद्युत् का सुचालक होता है |
9)घनत्व (Density) –
- सभी अधातुओं का अत्यधिक निम्न धनत्व (Density) वाले होते हैं | अपवाद – हीरा |
- हीरा सभी पदार्थों में से सबसे मजबूत और कठोर होता है |
10)ध्वनि उत्पादन (Sound Production) –
- अधातुओं में किसी भी तरह से प्रहार करने पर ध्वनि का उत्पादन नहीं होता है |
अधातुओं के कुछ महत्वपूर्ण रासायनिक गुणधर्म :
- रासायनिक प्रतिक्रियाओं के दौरान अधातुएँ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती हैं और नकारात्मक आयन बनाती हैं।
- रासायनिक अभिक्रियाओं में अधातुएँ ऑक्सीकरण एजेंट के रूप में कार्य करती हैं।
- अधातु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
- ये ऑक्सीजन (O2) के साथ क्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड का निर्माण करती हैं।
- अधातु क्लोरीन के साथ क्रिया करके सहसंयोजक बंध बनाती हैं।
- गैस कार्बन और ग्रेफाइट को छोड़कर अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत की कुचालक होती हैं।
- अधातुएँ आमतौर पर उच्च तापमान पर अन्य अधातुओं के साथ प्रतिक्रिया करती हैं।
- धातुओं के विपरीत, अधातुएँ तान्य(ductile) और आघातवर्धनीय (malleable) नहीं होते हैं।
- अधातुएँ आमतौर पर उच्च तापमान पर अन्य अधातुओं के साथ प्रतिक्रिया करती हैं|
- अधिकतर अधातुयें जब कमरे के तापमान पर होती है तो हवा के साथ अभिक्रिया नहीं करती है | अपवाद – फास्फोरस, यह हवा से अभिक्रिया कर के ऑक्साइड बना देता है |
- अधातु जल के साथ अभिक्रिया नही करती है | अपवाद – क्लोरीन अधातु, यह जल के साथ अभिक्रिया कर के स्ट्रोंग अम्लीय विलियन बना देता है |
- अधातुओं का घनत्व (density) धातु की तुलना में कम होता है |
- अधातु का प्रयोग कर के मिश्रधातु का निर्माण नहीं किया जा सकता है |
- अधतुओं में आयोडीन, क्लोरीन, फ्लोरीन सबसे क्रियाशील अधातु माना जाता है |
- आयनिक ठोस तब बनते हैं जब उच्च विद्युत ऋणात्मकता वाली अधातुएँ क्षारीय पृथ्वी धातुओं और क्षार के साथ प्रतिक्रिया करती हैं।
अधातुओं से संबंधित कुछ अपवाद :
- अधातुएँ कठोर नहीं होती हैं लेकिन हीरा जो कार्बन का एक अपररूप है सबसे कठोर होता है।
- आम तौर पर अधातुएँ विद्युत रूप से ऋणात्मक रूप से आवेशित होती हैं लेकिन हाइड्रोजन विद्युत रूप से धनात्मक रूप से आवेशित होता है।
- अधातुएँ सामान्य तापमान पर गैस एवं ठोस अवस्था में पाई जाती हैं, लेकिन ब्रोमीन ऐसी अधातु है जो सामान्य तापमान पर तरल अवस्था में पाई जाती है।
- कार्बन, एक अधातु होने के कारण, इसका गलनांक उच्चतम होता है।
- अधातुएँ विद्युत का सुचालक नहीं होती हैं लेकिन ग्रेफाइट अधातु (कार्बन का एलोट्रोप) विद्युत का सुचालक है।
अधातु की विशेषताएं :
- सल्फ्यूरिक एसिड का निर्माण सल्फर धातु का उपयोग करके किया जाता है, जिसे एसिड का राजा भी कहा जाता है।
- आभूषण बनाने के लिए कुछ अधातुओं का भी उपयोग किया जाता है, उदाहरण – हीरा।
- सिल्वर नाइट्रेट का उपयोग फोटोग्राफिक फिल्म में भी किया जाता है।
- क्लोरीन एक अधातु है जिसका उपयोग कीटाणुओं से पानी को शुद्ध करने के लिए किया जाता है।
- कार्बन का उपयोग पेंसिल बनाने में किया जाता है।
- ऑक्सीजन गैस को हमारी प्राणवायु कहा जाता है। जो हमारे जीवित रहने के लिए उपयोगी है |
- आयोडीन का उपयोग जीवाणुरोधी घोल बनाने में किया जाता है। जैसे बीटाडीन.
- नाइट्रोजनी अधातुएँ अनेक कार्बनिक तत्वों में पाई जाती हैं।
- इसके अलावा नाइट्रोजन हार्मोन, एंजाइम और न्यूक्लिक एसिड, अमीनो एसिड, प्रोटीन में भी पाया जाता है।
अधातुयें, धातुओं से किस प्रकार से भिन्न हैं?
- जब धातुएँ ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं, तो वे प्रकृति में क्षारीय होती हैं। लेकिन जब अधातुएँ ऑक्साइड बनाती हैं, तो वे प्रकृति में अम्लीय होती हैं।
- अधातुओं में उच्च इलेक्ट्रॉन बन्धुता होती है (अक्रिय गैसों को छोड़कर) जबकि धातुओं में कम इलेक्ट्रॉन बन्धुता होती है।
- अधातुओं में तन्य शक्ति नहीं होती, खींचने पर वे टुकड़ों में टूट जाती हैं। लेकिन धातुओं में लचीलापन का गुण होता है और इन्हें खींचकर पतले तार में बदला जा सकता है।
- पारा धातु को छोड़कर अन्य सभी धातुएँ प्रकृति में ठोस अवस्था में पाई जाती हैं। यदि हम अधातुओं की बात करें तो ये ठोस, तरल और गैस तीनों अवस्थाओं में पाए जाते हैं।
- धातुओं के माध्यम से ऊष्मा और विद्युत का संचालन संभव है, लेकिन अधातुओं में यह गुण नहीं पाया जाता है। ग्रेफाइट को छोड़कर गैर-धातुएं बिजली और गर्मी के खराब संवाहक हैं।
- धातुएँ आघातवर्ध्यता का गुण दर्शाती हैं। लेकिन अधातुएँ प्रकृति में भंगुर होती हैं।
- धातुओं का गलनांक (melting) और क्वथनांक (boiling) उच्च होता है और अधातुओं का गलनांक (melting) और क्वथनांक (boiling) कम होता है।
- धातु में एक विशेष प्रकार की चमक पाई जाती है जिसे धात्विक चमक कहते हैं। लेकिन हीरे और ग्रेफाइट को छोड़कर अधातुओं में कोई चमक नहीं पाई जाती है।
- धातुओं पर प्रहार करने पर ध्वनि उत्पन्न होती है। जब अधातुओं पर प्रहार किया जाता है तो कोई ध्वनि नहीं होती है।
- अधातुओं (Non-Metal) का घनत्व कम (Low Density) होता है जबकि धातुओं (Metal) का घनत्व अधिक (Low Density) होता है |
- धातुएं अन्य धातुओं के साथ प्रतिक्रिया करके मिश्रधातु बनाती हैं और पारा उनके साथ प्रतिक्रिया करके अम्लीय गोंद बनाता है। अधातुएँ ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाती हैं, अर्थात वे मिश्रधातुएँ नहीं बनाती हैं।
निष्कर्ष :
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