Software क्या है? प्रकार, उपयोग, उदाहारण

Computer Software :

क्या आप जानते हैं की कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या होता है? कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर की जान या आत्मा क्यों कहा गया है? इसके कितने प्रकार होते हैं? अगर आप इनके बारे में नहीं जानते तो आपको इस आर्टिकल के जरिये विस्तार से जानने को मिलेगा |

What is Software? types, uses, examples

सॉफ्टवेयर एक ऐसा इंस्ट्रक्शन का समूह होता है जिसके बिना कंप्यूटर सिर्फ एक बॉक्स बॉडी बन कर रह जाता है |

इन सॉफ्टवेयर को प्रोग्राम भी कहा जाता है | कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन सभी में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है |

सॉफ्टवेयर ही कंप्यूटर मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को उपयोगी बनाते हैं | इसके बिना ये डिवाइस यूज़लेस हो जाते हैं |

कंप्यूटर सिस्टम कई छोटे बड़े पार्ट से मिल कर बना होता है |

और साथ ही साथ सॉफ्टवेयर को सिस्टम में डालकर कंप्यूटर द्वारा कई तरह के कार्यों को कर के बड़े बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है |

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर front end में कार्य करता है | जबकि सिस्टम सॉफ्टवेयर back end में कार्य करता है |

यह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर , सिस्टम सॉफ्टवेयर की सहायता से वर्क करता है |

सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में इनस्टॉल भी नहीं किया जा सकता |

आइये जानें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या है? इसकी उपयोगिता क्या है?

Table of Contents

सॉफ्टवेयर क्या है? What is software? :

सॉफ्टवेयर किसी भी कंप्यूटर को रन करने का एक प्रोग्राम है| वास्तव में सॉफ्टवेयर इंस्ट्रक्शन या निर्देशों का एक ग्रुप होता है जो कंप्यूटर के सभी सिस्टम के कार्यों को कण्ट्रोल और मैनेज करता है |

जिससे दिए कोई भी कमांड या कार्य को कंप्यूटर के द्वारा आसानी पूर्वक पूरा किया जाये |

इसका प्राथमिक उद्देश्य किसी भी डेटा को सूचना में बदलना है।

हार्डवेयर सॉफ्टवेयर के निर्देशानुसार कार्य करता है। इसे प्रोग्राम का सेट भी कहा जाता है

सॉफ्टवेयर किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के कार्यो और इंस्ट्रक्शन को करवाने के लिए कंप्यूटर के लैंग्वेज में लिखे गये इंस्ट्रक्शन के ग्रुप के प्रोग्राम को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कहते हैं |

ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर के बीच समन्वय स्थापित करता है |

किसी भी कंप्यूटर में हजारों की संख्या में अलग अलग कार्यों को संपन्न करने के लिए अलग अलग लिखे हुए या बनाये गये प्रोग्राम या निर्देश होते हैं |

इन सभी निर्देश या प्रोग्राम के ग्रुप को सामूहिक रूप से सॉफ्टवेयर कहा जाता है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार type of software:

सॉफ्टवेयर को दो मुख्य भागो में बांटा गया है |

1)सिस्टम सॉफ्टवेयर system software

2) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर Application software

1)सिस्टम सॉफ्टवेयर system software:

  • यह कंप्यूटर हार्डवेयर को नियंत्रित करने और रन करने तथा मैनेज करने का काम करता है |
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर के द्वारा ही कंप्यूटर में मौजूद एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सही प्रकार से रन करते हैं |
  • ये सिस्टम सॉफ्टवेयर भी एक प्रकार का प्रोग्राम है | जो कंप्यूटर को सही तरह से चलाने में मदद करता है |
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर को हम ऑपरेटिंग सिस्टम कह सकते हैं | क्योकि ये ऑपरेटिंग सिस्टम के इनस्टॉल होने के समय ही इनस्टॉल हो जाते हैं |
  • जिस कंपनी या निर्माता द्वारा कंप्यूटर बनाया जाता है उन्ही के द्वारा सिस्टम सॉफ्टवेयर को उपलब्ध कराया जाता है |
  • जरूरत पड़ने पर सिस्टम सॉफ्टवेयर को अलग से मार्केट से ला कर इस्तेमाल किया जा सकता है |
  • यह कंप्यूटर में काफी बेसिक लेवल पर वर्क करता है इसलिए इसको हम लो लेवल सॉफ्टवेयर भी कह सकते हैं |
  • ये सिस्टम सॉफ्टवेयर भी कंप्यूटर और यूजर के बीच कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए एक इंटरफ़ेस उपलब्ध कराता  है |
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर को सही तरह से रन करने के लिए प्रोग्राम लिखे गये होते हैं |
  • इसके द्वारा ही यूजर और कंप्यूटर एक दुसरे से आसानी से संपर्क स्थापित कर सकते हैं |

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) को कितने भागों में विभाजित किया गया है ? :

इस सिस्टम सॉफ्टवेयर को भी दो भागो में विभाजित किया गया है |

1)सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम सॉफ्टवेयर System Management Program Software

2)डेवेलोपिंग सॉफ्टवेयर Developing Software

1)सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम सॉफ्टवेयर system management program software:
  • सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम हैं जो कंप्यूटर सिस्टम को मैनेज करने का काम करते हैं |
  • ये सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम का मुख्य काम कंप्यूटर के इनपुट- आउटपुट डिवाइस, मेमोरी डिवाइस, प्रोसेसर को मैनेज और सही तरीके से रन करना है |
सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम के प्रकार Types of System Management Programs :

1)ऑपरेटिंग सिस्टम Operating System

2)डिवाइस ड्राईवर Device Driver

3)सिस्टम यूटिलिटी System Utility

1)ऑपरेटिंग सिस्टम Operating System:
  • ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर के अनेक कॉम्पोनेन्ट के अलग अलग कार्य को मैनेज करते हैं |
  • उन्हें कण्ट्रोल करते हैं | कंप्यूटर और कंप्यूटर के कॉम्पोनेन्ट अर्थात कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर  के बीच को-ओर्डीनेशन बनाते हैं |
  • ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम विशेष कार्यक्रमों का एक ऐसा संगठित समूह है जिसमे यह ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर की संपूर्ण गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
  • यह कंप्यूटर संसाधनों के उपयोग की निगरानी और व्यवस्थित (organize) करने में हमारी मदद करता है।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम आवश्यकता पड़ने पर अन्य कई प्रोग्राम शुरू करता है|
  • विशिष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोग्राम को मशीनी भाषा में अनुवादित करता है|
  • और उपयोगकर्ताओं  या यूजर द्वारा वांछित आउटपुट निकालने के लिए डेटा का प्रबंधन करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण Examples of operating systems::

ये ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण निम्नलिखित हैं |

1)MS DOS,

2)WINDOWS XP

3)WINDOWS 2000

4)WINDOWS 98,

5)UNIX

6)LINUX

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य क्या है? What is the function of operating system?:
  • कंप्यूटर और उसके यूजर के बीच संचार और समन्वय स्थापित करना।
  • कंप्यूटर के सभी उपकरणों को नियंत्रण में रखना और उनके साथ काम करना।
  • यूजर द्वारा दिए गए निर्देश और प्रोग्राम का पालन करने के लिए।
  • सभी प्रोग्रामों वर्क करने के लिए आवश्यक संसाधन मेमोरी, सीपीयू, प्रिंटर आदि उपकरण उपलब्ध कराना।
2)डिवाइस ड्राईवर Device driver:
  • यह डिवाइस ड्राईवर एक विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो किसी कंप्यूटर डिवाइस के संचालन की व्याख्या करता है।
  • ये डिवाइस ड्राईवर सॉफ्टवेयर डिवाइस और यूजर के बीच इंटरफेस का काम करते हैं।
  • डिवाइस ड्राईवर एक ड्राइवर प्रोग्राम या निर्देशों के रूप में कंप्यूटर से जुड़े हुए डिवाइस जैसे माउस, प्रिंटर, कीबोर्ड आदि को सही तरीके से चलाने में मदद करता है |
  • यह कंप्यूटर के अलग अलग डिवाइस के विभिन्न भागों के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम के कमांड को उनकी भाषा में बदल देता है |
  • डिवाइस ड्राइवर निर्देशों का या प्रोग्राम का एक ऐसा समूह है जो हमारे कंप्यूटर को उससे जुड़े हार्डवेयर से परिचित कराता है।
3)सिस्टम यूटिलिटी System Utility:
  • ये सिस्टम यूटिलिटी ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर के देखभाल और रखरखाव से संबंधित कार्य करते हैं।
  • ये सिस्टम यूटिलिटी प्रोग्राम को बनाये जाने के कई विशेष कारण हैं|
  • जैसे – यह कम्प्यूटर के कार्यों को सरल बनाने का कार्य करता है | कंप्यूटर के प्रोग्राम और उसको त्रुटियों या एरर से दूर रखने में मदद करता है |
  • तथा यह कंप्यूटर सिस्टम के विभिन्न सुरक्षा कार्यों (security functions) के लिए बनाए जाते हैं।
  • यूटिलिटी प्रोग्राम का कंप्यूटर के बहुत सारे कार्यों को करने के लिए उपयोग किये जाते हैं |
  • जैसे – कोई भी यूटिलिटी प्रोग्राम किसी भी एक्सटर्नल स्टोरेज (external storage) पर हमारी फाइलों का बैकअप लेने का काम कर सकता है।
सिस्टम यूटिलिटी के प्रकार Types of System Utilities::

ये सिस्टम यूटिलिटी के प्रकार निम्नलिखित हैं |

  • डिस्क कम्प्रेशन Disk Compression
  • डिस्क डीफ्रेग्मेंटर Disk Fragmenter
  • बैकअप यूटिलिटी Backup Utilities
  • डिस्क क्लीनर Disk Cleaners
  • एंटीवायरस स्कैनर और रिमूवर Anti-virus Scanners and Removers
डिस्क कम्प्रेशन Disk Compression:
  • यह डिस्क कम्प्रेशन अपने नाम की तरह ही हार्ड डिस्क पर मौजूद सूचनाओं को प्रेशर डालकर करके उसको कंप्रेस करता है|
  • जिससे हार्ड डिस्क पर अधिक से अधिक जानकारी को स्टोर किया जा सके।
  • यूजर को इसकी मौजूदगी की जानकारी हो या ना हो लेकिन यह डिस्क कम्प्रेशन यूटिलिटी खुद अपना काम करती रहती है |
डिस्क डीफ्रेग्मेंटर Disk Fragmenter:
  • यह डिस्क डीफ्रेग्मेंटर कंप्यूटर में अलग अलग जगह पर रखी हुई फाइल को व्यवस्थित कर के एक जगह रखता है |
  • इससे कंप्यूटर में अन्य फाइल को रखने की जगह उपलब्ध हो जाती है |
  • यह हार्ड डिस्क की इधर उधर पड़ी खाली जगह को व्यवस्थित करने का काम करता है |
बैकअप यूटिलिटी Backup Utilities:
  • यह बैकअप यूटिलिटी कंप्यूटर में काफी महत्वपूर्ण है क्योकि यह कंप्यूटर की डिस्क में मौजूद सभी के सभी सूचनाओं की एक कॉपी को सुरक्षित रखते हैं |
  • और हार्ड डिस्क का डाटा या कोई भी फाइल की जरूरत होने पर डाटा या फाइल रिस्टोर कर देते हैं |
डिस्क क्लीनर Disk Cleaners:
  • कंप्यूटर में ऐसे कई फाइल होते हैं जिसका इस्तेमाल कई लम्बे समय से नही किया जाता |
  • तो उस तरह की सभी फाइल को डिस्क क्लीनर ढूंढता है और उन सभी फाइल को डिलीट करने का नोटिफिकेशन दे कर डिलीट कर देता है |
  • इससे कंप्यूटर में स्पेस बनती है और कंप्यूटर स्पीड भी तेज होती है |
एंटीवायरस स्कैनर और रिमूवर Anti-virus Scanners and Removers:
  • यह एंटीवायरस स्कैनर और रिमूवर यूटिलिटी प्रोग्राम कंप्यूटर के लिए बहुत उपयोगी है |
  • क्योकि यह कंप्यूटर को स्कैन कर के वायरस को खोजता है और उन वायरस को खोज कर रिमूव कर देता है |

2) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर :

एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर उस प्रकार के प्रोग्राम होते हैं जो किसी भी यूजर या कम्पनी को किसी विशेष या खास कार्यो को अच्छी तरह से पूरा करने के लिए बनाये जाते हैं |

यह बहुत प्रकार के कामों को सफलतापूर्वक संपन्न कर देते हैं |

जैसे -1)किसी ऑफिस के कर्मचारियों के काम करने और उनके वेतन का हिसाब,

2)किसी भी तरह के लेन देन अकाउंट का हिसाब,

3)रिपोर्ट प्रिंट करना, स्टॉक की पोजीशन का रिपोर्ट तैयार करना,

4)डॉक्यूमेंट और लेटर को तैयार करना,

5)विडियो ऑडियो प्ले करना डाटाबेस को मैनेज करना आदि |

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अलग अलग यूजर के लिए अलग अलग होते हैं |

जिस यूजर को जैसी आवश्यकता होती है उसी के अनुसार सोफ्टवेयर प्रोग्राम बनाये जाते हैं |

कई सॉफ्टवेयर प्रोग्राम सभी यूजर के लिए एक ही जैसे होते हैं | ये निम्नलिखित हैं |

MS-Word, MS-Excel, MS- Paint, MS- Power point, MS- access, Tally, Corel Draw, Page-maker, Photoshop, VLC- Media, etc.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार:

ये दो प्रकार के होते हैं |

  • General Purpose Software
  • Specific Purpose Software

General Purpose Software :

प्रोग्रामों का वह समूह, जिसे यूजर अपने सामान्य उद्देश्यों (general purposes) को पूरा करने के लिए अपनी आवश्यकता के अनुसार उपयोग करते हैं, सामान्य प्रयोजन सॉफ्टवेयर कहलाता है।

जैसे – Spreadsheet, Database Management System, Graphics Software, Word Processing, Corel Draw, Paint, MS Power point

ये सॉफ्टवेयर विशेष कार्यों से संबंधित होते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य केवल सामान्य कार्य को करना होता है।

जिसके कारण इन सॉफ्टवेयर का उपयोग लगभग सभी क्षेत्र में, सभी आर्गेनाइजेशन में और ऑफिस के कार्यो में प्रतिदिन किया जाता है।

इसके प्रकार निम्नलिखित हैं |

  • Word Processing Software वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ़्टवेयर
  • Electronic Spreadsheets Software इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर
  • Database Management System डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली
  • Desktop Publishing Software डेस्कटॉप प्रकाशन सॉफ्टवेयर
  • Graphics Software ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर
  • Multimedia Software मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर

Specific Purpose Software:

ये स्पेसिफिक पर्पस सॉफ्टवेयर एक ऐसे सॉफ्टवेयर का समूह होता है जो किसी विशिष्ट उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं।

इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का ज्यादातर एक ही उद्देश्य होता है।

इसके प्रकार निम्नलिखित हैं |

  • Inventory Management System and Purchasing System सूची प्रबंधन प्रणाली और क्रय प्रणाली
  • Payroll Management System पेरोल प्रबंधन प्रणाली
  • Hotel Management System होटल प्रबंधन प्रणाली
  • Reservation System आरक्षण प्रणाली
  • Report Card Generator रिपोर्ट कार्ड जेनरेटर
  • Accounting Software लेखांकन सॉफ्टवेयर
  • Billing System बिलिंग प्रणाली

1)General Purpose Software:

Word Processing Software वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ़्टवेयर :
  • वर्ड प्रोसेसर एक विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है, जिसकी सहायता से text या डॉक्यूमेंट को ऑपरेट किया जाता है।
  • यह सॉफ़्टवेयर प्रिंट होने वाले सामग्री की Composition, Editing, Formatting और Printing आदि के लिए भी उपयोग किया जाता है।
  • इसे सॉफ्टवेयर डॉक्यूमेंट प्रिपरेशन सिस्टम भी कहा जाता है। क्योकि इसमें बनाये गये डॉक्यूमेंट को सेव कर के भी रखा जाता है | ताकि भविष्य में काम आने पर वह सेव डाक्यूमेंट्स का इस्तेमाल उसी तरह या बदलाव ला कर किया जा सके | Word Processing Softwareका इस्तेमाल आज के समय में बहुतायत में किया जा रहा है |
  • जैसे – Microsoft Word, Word Perfect, Openoffice Word etc .
Electronic Spreadsheets Software इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर:
  • यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो डाटा को row और column में व्यवस्थित करता है | इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से यूजर अपने डेटा को row और column के रूप में लिस्ट कर के काम करते हैं। इस सॉफ्टवेयर को Spreadsheets कहा जाता है।
  • इन Softwares में किसी भी डाटा को Spreadsheet में बनाते हैं | इन्हें Save कर के रख लिया जाता है | ताकि भविष्य में जब कभी उस डाटा की जरूरत हो तो उसको Edit और Format किया जा सके |
  • उदाहरण : MS- Excel, Corel Quateron Pro, आदि।
Database Management System डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली:
  • संगठित डेटा का ऐसा संग्रह, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर डेटा तक पहुँचा जा सकता है, पुनः प्राप्त किया जा सकता है और स्वरूपित किया जा सकता है अर्थात Data को Access, Retrieve तथा Format किया जाता है |  डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली कहलाता है।
  • यह सॉफ़्टवेयर डेटाबेस बनाना, एक्सेस करना और मैनेज करने का काम करता है |
  • इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके डेटाबेस में डेटा को जोड़ा, सुधारा और हटाया भी जा सकता है। और Data को Sort करके Retrieve भी किया जा सकता है।
  • उदाहरण के लिए Microsoft Access, Corel Paradox, Lotus Approach etc.
Desktop Publishing Software डेस्कटॉप प्रकाशन सॉफ्टवेयर:
  • यह डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिनका सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल ग्राफिक डिजाइनर करते हैं। ये सॉफ्टवेयर डेस्कटॉप प्रिंटिंग और ऑन स्क्रीन इलेक्ट्रॉनिक पब्लिशिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • उदाहरण QuarkXpress, Adobe Page-maker, 3B2, Corel Draw आदि।
Graphics Software ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर:
  • ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में राखी हुई इमेज या पिक्चर को बदलने और उन्हें अधिक सुंदर बनाने के कार्यों में मदद करते हैं।
  • इन सॉफ्टवेयर के जरिए इसके फीचर का उपयोग कर के इमेज को रीटच, कलर एडजस्ट, शैडो इफ़ेक्ट को एनहांस करके और ग्लो जैसे स्पेशल इफेक्ट दिए जा सकते हैं।
  • ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके यूजर क्रिएट किए गए डेटा के ग्राफिक का ग्राफिक्स प्रेजेंटेशन करता है।
  • उदाहरण के लिए Adobe PhotoShop, Pizap आदि|
Multimedia Software मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर :

यह मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर, मल्टीमीडिया में आने वाले सभी टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो, इमेज और एनिमेशन आदि को रन करनेकी सभी सुविधाओं को प्रदान करता है, मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर कहलाता है।

2)Specific Purpose Software:

स्पेसिफिक पर्पस सॉफ्टवेयर के कई प्रकार हैं | यह प्रकार निम्नलिखित हैं

Inventory Management System and Purchasing System सूची प्रबंधन प्रणाली और क्रय प्रणाली:
  • यह सॉफ़्टवेयर का उपयोग ज्यादातर सामान्य स्टोर में किया जाता है | या फिर संस्थानों में किया जाता है जहाँ भौतिक संसाधनों की आवश्यकता होती रहती है।
  • यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसमे वस्तुओं की खरीद-बिक्री हिसाब-किताब और उनके मैनेजमेंट की पूरी जानकारी रखने में मदद करता है |
  • स्टॉक में मौजूद सामान और सामग्री की सूची को इन्वेंट्री कहा जाता है।
Payroll Management System पेरोल प्रबंधन प्रणाली:
  • आज के कंप्यूटर के युग में किसी भी आर्गेनाइजेशन में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते आदि के मैनेजमेंट के लिए इस पेरोल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा  है |
  • यह सॉफ्टवेयर कर्मचारियों के वेतन, भत्ते आदि का हिसाब रखने में बहुत सहयोग करता है |
Hotel Management System होटल प्रबंधन प्रणाली :
  • होटल के अनेक भिन्न भिन्न कार्यों का व्यवस्थित ढंग से करने के तरीके को होटल मैनेजमेंट कहते हैं |
  • होटल के इस मैनेजमेंट को सँभालने और देख रेख करने के लिए होटल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है |
  • इस सॉफ्टवेयर के द्वारा मार्केटिंग, हाउसकीपिंग, बिलिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, आदि जैसे काम किये जाते हैं |
Reservation System आरक्षण प्रणाली :
  • इस रिजर्वेशन सिस्टम सॉफ्टवेयर के द्वारा यूजर ट्रेन या वायु यातायात के बारे में विभिन्न जानकारी प्राप्त कर सकता है।
  • इसके अलावा इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रेन या हवाई जहाज में उपलब्ध टिकट, सीट, या बर्थ आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर के इसका लाभ प्राप्त कर सकता है |
Report Card Generator रिपोर्ट कार्ड जेनरेटर :
  • यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो Mathematical Calculations आसानी से accuracy के साथ कर लेता है |
  • जिससे रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में आसानी होती है |
  • इसलिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल विभिन्न स्कूलों या कॉलेजों के परीक्षा विभाग द्वारा छात्रों के परिणाम रिजल्ट तैयार करने के लिए किया जाता है।
Accounting Software लेखांकन सॉफ्टवेयर :

यह अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर एक ऐसा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है, जो विभिन्न खातों के लेन-देन पर नजर रखता है। यह सॉफ्टवेयर अकाउंटिंग की जानकारी रखता है।

यह 3 प्रकार के होते हैं |

(i) Accounts Payable Software लेखा देय सॉफ्टवेयर

(ii) Bank Reconciliation Software बैंक समाधान सॉफ्टवेयर

(iii) Budget Management Software बजट प्रबंधन सॉफ्टवेयर

Billing System बिलिंग प्रणाली :
  • यह बिलिंग प्रणाली सॉफ्टवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर है। जो बिल्स के प्रोसेस को बड़ी ही आसानी से पूरा करता है।
  • यह ग्राहक को प्रदान की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य की जांच करता है।

निष्कर्ष:

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